Ghazel Ke Bahane, Desh Ke Tarane
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शेर- जय दुर्गे शमनी, मम नाव को पार लगा दीजै |
पूजन अर्चन का ज्ञान नहीं, ममतामयी मातु कृपा कीजै ||
दिल के फूलो का है गजरा, अरमानो की चुनर लीजै |
शरणागत आज पड़ा “मधुकर” करके कृपा दरसन दीजै ||
गजल:- महिमा दुनिया में जिसकी है न्यारी शेरावाली है जगदम्बे माता |
धारण करती जो कर में कटारी, शेरावाली है जगदम्बे माता ||
भर भक्तो की हरने के खातिर, नाना आयुध कर में विराजे |
शूलधारी गदा चक्रधारी, शेरावाली है गजदम्बे माता ||
हे महायोगिनी ज्ञान रुपे, महिमा तेरी अजब है निराली |
कितने पापी अधम को है तारी, शेरावाली है गदम्बे माता ||
दीन दुखियो का उपकार करती, भक्तो की अपने झोली है भरती |
दुस्ट दल को है पल में संहारी, शेरावाली है जगदम्बे माता ||
आए है द्धार पर आज तेरे, अपनी झोली फैलाये हुए हम |
शरणागत माता मधुकर तिहरी, शेरावाली है जगदम्बे माता ||
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