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एक ही है जमीं ,सातों समंदर एक हैं !

Ghazel Ke Bahane, Desh Ke Tarane
Ghazel Ke Bahane, Desh Ke Tarane
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एक ही है जमीं ,सातों समंदर एक हैं;
एक ही है आसमां , ए समशों -कमर एक हैं.
हिन्दू,मुस्लमान,पारसी,सब एक माँ के लाल हैं;
एक ही है सबका वालिद,अल्लाह ईश्वर एक हैं.
दौरों- हरम के नाम पर,हम कैद उसको कर लिए;
शंहनशाहो के शंहशाह,शाहे मुनव्वर एक है.
काशी हो या काबा,आते अकीदत को यहां;
जिसपे है सब सर झुकाते,सिजदे का पत्थर एक है.
मोमिनों का हश्र है वो हिन्दुओं का भी निशाँ;
जिसकी रहमत पे है दुनियां,वो पयंबर एक है.
मंजिले ही नूर पे,दिल से भुला शिकवा गिला;
हर नजर जिसपे गड़ी,वो हुस्ने नजर एक है.
मजहबों के नाम पर,सिजदे हैं सबके मजहबी;
हैं जुदा सबके सलीके,मधुकर तसलर एक है.

-राय साहब मौर्य `मधुकर’,
ग्राम-छतरीपुर
डाक-कुटीर चक्के
जिला-जौनपुर(उ.प्र.)
पिन-222146

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